यही तन्त्र उसे भाता है
सर्वश्रेष्ठ है विशाल भारतीय लोकतन्त्र पूर्ण विश्व मुक्त कन्ठ गान यही गाता है
राष्ट्रभाव एक एक व्यक्ति में भरा हुआ है मान्यता कि पूर्ण देश भूमि नहीं माता है
यद्यपि घोटाला भ्रष्टाचार भी बढ़ा अतीव किन्तु लोकतन्त्र यहाँ प्राण का प्रदाता है
भारत का मतदाता है महान जागरूक इसीलिए मात्र यही तन्त्र उसे भाता है
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ
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