डॉ. आशुतोष वाजपेयी का काव्य संग्रह
Tuesday 7 May 2013
सैनिक संगिनि
सैनिक युद्ध निमित्त गया निज प्राण चला वह दांव लगाने
राष्ट्र महाऋण जो उसपे हर मूल्य चला वह आज चुकाने
वन्दन है अभिनन्दन है जग में अमरत्व चला वह पाने
वीर महा उसकी वह संगिनि पीर नहीं जिसकी जग जाने
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ
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