Friday 10 May 2013

भारती अम्ब है

सजाया गया भाल दे के लहू भारती अम्ब है नित्य गाया गया
सदा वन्दना है ध्वजा की  स्वरों में  हमें स्वाभिमानी बनाया गया
यही राष्ट्र है आर्य भू वेद का घोष भी तो यहीं पे सुनाया गया
हमें तो पता भी नहीं द्रोह का वृत्त कैसे यहाँ खींच लाया गया
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ 

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