Tuesday 30 April 2013

हरि राम कहो हरि कृष्ण कहो


सुन वृक्ष रहा जितना जग में अति प्राच्य वही तन ताप हरे
यदि माँ पितु को वय दान मिले तब जान कि ईश्वर पाप हरे
पर स्वार्थ भरा मन त्याग चला जनकों तक को सुख आप हरे
हरि राम कहो हरि कृष्ण कहो कलिकाल प्रभाव सुजाप हरे
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ

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