एक छन्द- मत्तगयन्द
आज चमत्कृत सा कर माँ इस जीवन में कुछ हर्ष दिखाओ
झंकृत वाद्य महाध्वनि भी किस भाँति उठे शत वर्ष दिखाओ
दो मुझको महनीय तपोबल .....भोग छटें प्रतिकर्ष दिखाओ
अम्बर आप अनादृत दो कर ..अम्ब मुझे शुभ दर्श दिखाओ
रचयिता
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ
आज चमत्कृत सा कर माँ इस जीवन में कुछ हर्ष दिखाओ
झंकृत वाद्य महाध्वनि भी किस भाँति उठे शत वर्ष दिखाओ
दो मुझको महनीय तपोबल .....भोग छटें प्रतिकर्ष दिखाओ
अम्बर आप अनादृत दो कर ..अम्ब मुझे शुभ दर्श दिखाओ
रचयिता
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ
No comments:
Post a Comment