Thursday 11 July 2013

माह रमजान

राजा राम के ही ध्यान का है माह रमजान उनके ही ध्यान साधना में डूब जाओ तुम 
रोज़ा व्रत उपवास नाम चाहे जो भी दे दो किन्तु मास यही बन्धु हर्ष से मनाओ तुम 
वेदपाठ करो या कि गुरुवाणी पढो या कि पढ़ के तराबी मानवीय गीत गाओ तुम 
विश्व उग्रवाद से भले न लड़ पाए किन्तु उग्रवादियों को एक हम हैं दिखाओ तुम 
रचनाकार
डॉ आशुतोष वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य
लखनऊ

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