डॉ. आशुतोष वाजपेयी का काव्य संग्रह

Monday, 21 July 2014

मयंक उठो


Posted by Unknown at 23:38 No comments:
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Friday, 18 July 2014

माँ के श्रीचरणो में एक प्रार्थना----


Posted by Unknown at 05:12 No comments:
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Wednesday, 16 July 2014

माँ लगाए


Posted by Unknown at 20:43 No comments:
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Thursday, 10 July 2014

धैर्य तोड़ने लगा


Posted by Unknown at 21:22 No comments:
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  • एक चेतावनी भरतवंशियों के लिए
    नव संवत्सर की मंगल कामनाओं के साथ एक चेतावनी भरतवंशियों के लिए  संवत्सर नया आ गया सनातनी परन्तु  भगवा ध्वजा महत्ता आज घटने लगी चैत्र नवरात्...
  • लगा कि चोर हो गई
    माक्षिका सदा पवित्र ही कही गई परन्तु पश्चिमी प्रभाव में अशुद्ध घोर हो गई कालचक्र  भारतीय टूटने लगा कि मित्र अर्धरात्रि में सुनो नवीन भोर ...
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    रसना पर वास करो मुझको वर दो हर संकट आज हरो नित नूतन छन्द सुमाल सजा मम लेखन में तुम नित्य भरो यह अक्षम पुत्र सुनो जननी मुख में निज हस्त प...

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